वोट बैंक मानकर जनजातीयों को ठगना कांग्रेसियों की फितरत,110 ग्रामों का पर्चा दुरुस्त नहीं करने पर होगा उग्र आंदोलन: विकास मरकाम - newschakravyuh.in

Breaking

Home Top Ad

Tuesday, May 9, 2023

वोट बैंक मानकर जनजातीयों को ठगना कांग्रेसियों की फितरत,110 ग्रामों का पर्चा दुरुस्त नहीं करने पर होगा उग्र आंदोलन: विकास मरकाम


 वोट बैंक मानकर जनजातीयों को ठगना कांग्रेसियों की फितरत,110 ग्रामों का पर्चा दुरुस्त नहीं करने पर होगा उग्र आंदोलन: विकास मरकाम


धनेश्वर बंटी सिन्हा


धमतरी:- भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने नगरी और मगरलोड ब्लाक के 110 राजस्व ग्रामों को राजस्व ग्रामों की तरह सुविधाएं नहीं मिलने पर किए जा रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा भारतीय जनता पार्टी ने 110 गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया किंतु विगत 5 वर्षों में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने इन ग्रामों के व्यवस्थित भू अभिलेख के लिए कोई और प्रयास नहीं किया। लिहाजा 110 गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और ना ही उनके साथ राजस्व ग्रामों की तरह व्यवहार हो रहा 110है। ये वे गांव है जिन पर कांग्रेस की सरकार ने नजर तक नहीं डाली। इन गांवों को कांग्रेस ने उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है। ना इन गांवों में पीने का साफ पानी पहुंच सका है, ना ही बिजली और पर ना ही ठीक से सड़क।


वोट बैंक मानकर जनजातीयों को ठगना कांग्रेसियों की फितरत


चुनावी मंचो से इन गांव से वोट बटोरने के लिए बढ़-चढ़कर वादे किए गए। लेकिन 5 सालों में केवल इन्हें ठगा गया। 110 गांव के लोग अपनी मांगों को लेकर जब जब कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचते हैं तो कलेक्टर अपनी कुर्सी पर ही नहीं होते। यह लोग आज अपनी हक की मांग के लिए सड़कों पर है पर सरकार की ओर से ना कोई प्रयास किया जाता है नहीं आश्वासन दिया जाता है। विकास मरकाम ने कहा यदि सरकार शीघ्र ही इनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो वह गांव गांव जाकर इस आंदोलन को संगठित करेंगे और विशाल आंदोलन करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका पूरा समर्थन 110 राजस्व ग्राम घोषित ग्रामों के प्रति है, जिन्हें सरकार ने सुविधाओं से वंचित रखा है।


कांग्रेस का चरित्र आदिवासी विरोधी, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी


विकास मरकाम ने कांग्रेस के चरित्र को आदिवासी विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार आई है जनजातीय समुदाय के अधिकार और सुविधाओ पर केवल प्रहार किया गया हैं। जनजातीय क्षेत्रों में पेयजल, सड़क और आजीविका के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। तेंदूपत्ता संग्राहकों, लघु वनोपज संग्राहकों, हस्तशिल्प उद्योगों को निराशा के रास्ते पर धकेल दिया गया है। 110 ग्रामों की मांग निष्क्रिय विधायक भी नही सुन रही न ही प्रदेश के मुख्यमंत्री। विकास मरकाम ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही इन ग्रामों का पर्चा और दर्जा दुरुस्त नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदार स्वयं सरकार होगी।

Post Bottom Ad