धनेश्वर बंटी सिन्हा
गरियाबंद :- गरियाबंद जिला से 13 किलोमीटर दूर राजिम/रायपुर मार्ग में ग्राम बारूका से 3 किलोमीटर दूर चिंगरापगार जलप्रपात में झरने का आनंद लेने छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं।
चिंगरापगार जलप्रपात पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है,यह जलप्रपात चारों ओर से घनी जंगल एवं ऊंची पहाड़ियों और प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। यहां के झरना का पानी कचना धुरवा और बारूका के पहाड़ों को चीरता हुआ करीब 110 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। जो पर्यटकों को मनमोहित कर देता है।
जलप्रपात स्थल को पर्यटकों की सुविधा के लिए सवारने तथा प्राकृतिक स्थल में स्वच्छता बनाए रखने के लिए गरियाबंद कलेक्टर आकाश छिकारा ने विशेष पहल की है। जिला प्रशासन की संयुक्त टीम चिंगरापगार जलप्रपात स्थल को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया लगभग 200 लोगों ने संयुक्त रूप से जलप्रपात स्थल में पहुंचकर सफाई अभियान चलाया इस दौरान गरियाबंद कलेक्टर आकाश छिकारा डीएफओ मणिवासगन एस और जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने भी हाथ में झाड़ू थामकर साफ-सफाई करने आगे आए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत स्वच्छता के इस अभियान में शामिल सभी लोगों ने चिंगरा पगार पर्यटन स्थल में पॉलीथिन प्लास्टिक बॉटल एवं अन्य कचरे को साफ किया।
इस दौरान कलेक्टर छिकारा ने कहा कि प्राकृतिक स्थलों एवं पर्यटन स्थलों को सुरक्षित एवं स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रकृति द्वारा दिए गए चीजों का सदुपयोग करना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने, उन्हें प्राकृतिक रूप से संरक्षित रखने और पर्यावरण जागरूकता में भागीदारी निभाने की अपील लोगों से की। इस दौरान कलेक्टर छिकारा ने जलप्रपात स्थल में पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने से संबंधित सूचना बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिए।
’पर्यटन स्थल में नशीली चीजों से रहे दूर, जलप्रपात में फिसलन भरी चट्टानों से रहे सतर्क’- कलेक्टर श्री छिकारा ने चिंगरापगार जलप्रपात में विहंगम दृश्य से परिपूर्ण प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेने के अलावा सावधानी भी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चिंगरापगार पर्यटन स्थल सार्वजनिक जगह है। वहां पर नशीली चीजों को ना ले जाए। साथ ही नशीली पदार्थ का सेवन ना करे। इसके अलावा कलेक्टर ने बारिश के मौसम में जलप्रपात स्थल में फिसलन भरी चट्टानों से भी सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण पत्थरों में शैवाल उग आते है, जिसके कारण पत्थर में फिसलन आ जाती है। पत्थर पर चलने से फिसल कर गिरने का खतरा बना रहता है। इसलिए सावधानी और सतर्क होकर जलप्रपात स्थल पर जाएं। इस दौरान अपर कलेक्टर अविनाश भोई, संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत, तीर्थराज अग्रवाल, एसडीएम भूपेन्द्र साहू, जनपद सीईओ नरसिंग ध्रुव, जिला कोषालय अधिकारी बी.के. तिवारी, सहित जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
