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Tuesday, April 18, 2023

संविधान के नियम कानून को ताक पर रखकर भूपेश कर रहे है राजनैतिक स्टंट :- विकास मरकाम


 संविधान के नियम कानून को ताक पर रखकर भूपेश कर रहे है राजनैतिक स्टंट :- विकास मरकाम


धमतरी:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधानसभा से पारित विधेयक को संविधान के नवमी अनुसूची में शामिल करने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा है कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भूपेश बघेल केवल राजनैतिक नौटंकी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता को भ्रमित करने के लिए मुख्यमंत्री अब आरक्षण के नाम पर जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं।   विकास मरकाम ने भूपेश बघेल से पूछा है कि जब छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल ने विधेयक पर हस्ताक्षर ही नहीं किया है तो प्रधानमंत्री से कैसे उस विधेयक को नवमी अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया जा रहा है? विदित हो कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 31 (ख) किसी अधिनियम या विनियम को नवमी अनुसूची में शामिल करने का प्रावधान प्रदान करती है, परंतु भूपेश बघेल विधानसभा से पारित विधेयक जिस पर महामहिम राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए है मतलब अधिनियम के रूप में कानून नहीं बना है। मुख्यमंत्री द्वारा संविधान के नियम कानूनों को ताक पर रखकर अधिनियम बनने से पूर्व ही प्रधानमंत्री से अनुरोध करना भूपेश बघेल का राजनैतिक स्टंट मात्र है। विकास मरकाम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सलाह देते हुए कहा है कि वास्तव में यदि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को 32% आरक्षण का उनका अधिकार दिलाना चाहते हैं तो सुप्रीम कोर्ट में योगेश ठाकुर बनाम गुरु घासीदास अकादमी तथा अन्य के प्रकरणों में तथ्यसहित जवाब प्रस्तुत कर हाईकोर्ट के आरक्षण संबंधी  निर्णय को खारिज करवाना चाहिए या फिर राजभवन में क्वांटीफाइबल आयोग के डेटा को प्रस्तुत कर राज्यपाल की शंकाओं का समाधान कर उनसे आरक्षण विधेयक पर उनका हस्ताक्षर करवाना चाहिए।

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